जिन्दों की जरूरतें मुर्दो की जरूरतों से पहले पूरी की जानी चाहिए।

  कलम से ही/मार सकता हूँ तुझे मैं/कलम का मारा हुआ/ बचता नहीं है। सृजन की अपूर्व-अपरिहार्य माँग को सम्भवतः स्रष्टा भी अभी तक पूरी नहीं कर सका, वरना वह अब भी सृष्टि को नव-नव रूप क्यों दिए जाता। मन और तन की पारस्परिक प्रतिक्रियाएं बड़ी जटिल और अनग्र कथनीय होती हैं। कभी तो मन अपनी उलझनों में शरीर को भी लपेट लेता है और कभी मन अपनी उधेड़-बुन में इतना तल्लीन होता है कि शरीर को अछूता छोड़ देता है।


  एक तरह से, जीवन पाकर हम प्रतिक्षण बढ़ते या घटते रहते हैं। जितनी बढ़ती है, उतनी घटती है। उम्र अपने-आप कटती है। जीवन सदा एक प्रकार का सन्तुलन रखता है, वह कुछ लेता है, तो कुछ देता भी है, वह कुछ कम करता है तो कुछ का आधिक्य भी कर देता है। राह? यहाँ पर राह नही है, अपनी राह बनाओ। मनस्येक, वचस्येकं, कर्मस्येकं, महात्मनाम्। अकेला भी बहुत बड़ा है इन्सान।


  जिन्दों की जरूरतें मुर्दो की जरूरतों से पहले पूरी की जानी चाहिए।


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उन्होंने बतया कि हमने एक लाख टेस्टिंग किट का ऑर्डर दे दिया है। ये किट शुक्रवार को आ जाएंगी। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को 27,000 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट आवंटित किए गए हैं।
दिल्ली में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 525 हुई, जल्द मिलेगी एक लाख पीपीई किट
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में कल से 421 सरकारी स्कूलों में गरीबों को राशन बांटा जाएगा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल मिलेगा। हमारा लक्ष्य 10 लाख लोगों को राशन देना है और अगर जरूरत पड़ी तो केंद्र से हम और अनाज ले लेंगे।